My Favourites - Dr Kumar Vishwas(3)

मांग की सिन्दूर रेखा.......


मांग की सिन्दूर रेखा तुमसे ये पूछेगी कल
यूँ मुझे सरपर सजाने का तुम्हे अधिकार क्या है ?
तुम कहोगी वो समर्पण बचपना था तो कहेगी
गर वो सबकुछ बचपना था तो कहो फिर प्यार क्या है ?
मांग की सिन्दूर रेखा.......

कल कोई अल्हर अयाना बावरा झोंका पवन का
जब तुम्हारी इंगितों पर गंध भर देगा चमन में
या कोई चन्दा धरा का रूप का मारा बेचारा
कल्पना के तार से नक्षत्र जड़ देगा गगन पर
तब यही बिछुआ महावर चूड़ियाँ गजरे कहेंगे
इस अमर सौभाग्य के श्रृंगार का आधार क्या है ?
मांग की सिन्दूर रेखा......


कल कोई दिनकर विजय का सेहरा सर पर सजाये
जब तुम्हारी सप्तवर्णी छांह में सोने चलेगा
या कोई हारा थका व्याकुल सिपाही जब तुम्हारे
वक्ष पर धर शीश लेकर के हिचकियाँ रोने चलेगा
जब किसी तन पर कसी दो बाँहें जुड़कर पूछ लेंगी
इस प्रणय जीवन समर में जीत क्या है हार क्या है ?
मांग की सिन्दूर रेखा........

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