एक प्रश्न
रंग गुलाब का लाल है, बचपन में हम सबने सीखा
मगर बताओ क्या एक ही सच में रंग है सबने देखा ?
यदि भोला देखे हरा लाल को, नीला देखे राजू
एक चीज़ दो रंग में देखें, जब खड़े हों आजु बाजू।
दुनिया कहती लाल जिसे, उसे हरा देखता भोला
उसी गुलाब को देखे राजू और पाए उसे नीला।
कहते उसको लाल ही दोनो, चाहे देखें हरा या नीला
कौन जाने फिर क्या सही है, कैसी है ये लीला?
ये संकट है बड़ा अजूबा, फिर क्या हो स्वीकार ?
गुलाब लाल है कि हरा या नीला, कैसे पाएँ पार ?
कहते हम सब लाल हैं जिसको, क्या दिखता सबको एक
दर्शक के अंतर्मन में है वो, जो भी पाता वो देख।
स्वाद, रूप, गंध, ध्वनि, स्पर्श - ये सब इन्द्रिय हैं ऐसे
बस गुलाब का खेल नहीं ये, आपका सारा अनुभव वैसे।
इस जग में प्रस्तुत आप हैं जैसे, ये जग भी आपके अन्दर
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